दीपावली की असीम शुभकामना आपको
गीतिका छंद-

दीप ऐसे हम जलायें, जो सभी तम को हरे । पाप सारे दूर करके, पुण्य केवल मन भरे ।। वक्ष उर निर्मल करे जो, सद्विचारी ही गढ़े । लीन कर मन ध्येय पथ पर, नित्य नव यश शिश मढ़े । कीजिये कुछ काज ऐसा, देश का अभिमान हो । अश्रु ना छलके किसी का, आज नव अभियान हो । सीख दीपक से सिखें हम, दर्द दुख को मेटना । मन पुनित आनंद भर कर, निज बुराई फेेेकना ।। शुभ विचारी लोग होंवे, मानवी गुण से भरे । भद्र होवे हर सदन अब, मान महिला का करे । काम सबके हाथ में हो, भाग्य का उपकार हो । मद रहे ना मन किसी के, एकता संस्कार हो ।। नाम होवे देश का अब, देशप्रेमी लोग हो । आपको अब सब खुशी दे, देश हित सब भोग हो । पर्व यह दीपावली का, हर्ष सबके मन भरे । कोप तज कर मोह तज कर, प्रीत सबसे सब करे
दोहे-
नाना खुशी बरसावे, जगमग करते दीप । दीप पर्व की कामना, हर्षित हो मन मीत ।। अंतर मन उजास भरे, जगमग करते दीप । जीवन में सुख शांति दे, दीप पर्व मन मीत ।।
-रमेश चौहान